तेरी आँखे
हिरनी सी चितवन हे ,
जी करता हे रार ले जाऊ एक दिन
अपने दिल का पूरा कर लूँ अरमान
अभी अभी
हिरनी सी आंखे
चुरा कर बही अभी अभी ................................
"नेह्दूत"
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment