यह होली की रंग विरंगी टोली हे
यहाँ फूल खिले रंग विरंग
यह रंगी चुनरिया पीली हे,
जिसमे रंगी चोली नीली हे ,
यहाँ रंग हर एक अपने- अपने रंग में हे
कोई रंग भंग की बूटी में
कोई रंग रंगा चुनारिया को देख .
उन्ही के अन्दर नीली चोलियो को देख
भर नशा अपनी आँखों में
यहाँ हर रंग की छटा निराली हे
यह दुनिया भिन्न-भिन्न पथिको की हे .
पर फिर भी एक आस्था एक राष्ट
गूंजती स्वर भेरी हे .
होली हे होली यह होली की रंग बिरंगी टोली हे,
तब ही हम रंग पाए हे इस होली के रंग बिरंगे रंगों में
यह होली लो टोली हे
रंग भरी संग में चोली हे
करना होंगे हमको ह्रदय परिवर्तन
अपने अपने
ताकि हम रंगते रहे एक दूजे को महकते रंग विरंगे रंगों में,
तंतर आत्मा रंगी रहे सदा पीडी दर संतानों की भी
इस देश प्रेम के रंग में धनि चुनारिया भारत माता की
केसरिया त्याग रंग के संग
देश प्रेम चरित्र निर्माण कर्तब्य निष्ठा पालन के स्वरों के रंग में रंगन होगा ,
लगाओ "नेह्दूत" सबसे नेह का रंग ....
तभी होली की टोली चल सकेगी अपनी रह पर ,
भीनी भीनी रंग भरी मस्ती की टोली में ,
होली हे होली हे
यह होली की रंग भरी टोली हे.
(नेह्दूत)
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