Wednesday, February 24, 2016

इश्क सियासत का




क्या कहूँ तुमसे की क्या सियासत है इश्क़ ,
जान का रोग है,बला है इसका इश्क़ ।
सियासत ही सियासत है, जहा देखो ,
सारे आलम में भरा सियासत का इश्क़।
" नेहदूत"






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